जासूसों की कोड लैंग्वेज आएगी आपके काम:कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में कोडिंग-डिकोडिंग के सवाल हल करने के टिप्स ?

इटली के मिलान में म्यूजियम में रखी एनिग्मा मशीन। इसका इस्तेमाल 1930 के दशक में जर्मन सेना कोडेड मैसेज भेजने के लिए करती थी।

भारत में लिया जाने वाला कोई भी एग्जाम हो, चाहे वह सिविल सर्विसेज के लिए हो, मैनेजमेंट एंट्रेंस, स्टाफ सलेक्शन कमीशन एग्जाम, बैंक पीओ एग्जाम्स या एनडीए, लॉजिकल रीजनिंग के इस टॉपिक, 'कोडिंग-डिकोडिंग' से सभी एग्जाम्स में प्रश्न पूछे जाते हैं।

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आज हम इन प्रश्नों को ही डिस्कस करेंगे।

एनिग्मा मशीन और कोडिंग डिकोडिंग

द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) की बात है, जर्मन सेना ने दुनिया भर में अपनी सेना को संदेश भेजने के लिए 'एनिग्मा' नामक एक बहुत सॉफेस्टिकेटेड कोडिंग मशीन बनाई थी। किसी भी अनऑथराइज्ड व्यक्ति के लिए उन्हें समझना लगभग असंभव था (150 मिलियन मिलियन पॉसिबल कॉम्बिनेशन होते थे)।

1941-42 के दौरान में ब्रिटिश नेवी को दो या तीन डूबते या तबाह हो चुके जर्मन यू-बोट सबमरीन से ‘एनिग्मा मशीन’ हासिल करने में कामयाबी मिली। कोड को तोड़ने के लिए एलन ट्यूरिंग (जिन्हें आज हम कंप्यूटर साइंस के पितामह के रूप में जानते हैं) सहित गणितज्ञों और क्रिप्टोग्राफरों की भर्ती के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए गए थे।

एलन ट्यूरिंग और उनकी बनाई ट्यूरिंग मशीन। ट्यूरिंग मशीन को ही दुनिया का पहला कंप्यूटर माना जाता है।

महीनों की कड़ी मेहनत के बाद, वे एनिग्मा कोड को क्रैक करने में सफल हुए और युद्ध में महत्वपूर्ण लाभ हासिल करने के लिए इस जानकारी का उपयोग किया।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के समय से ही विभिन्न एग्जाम्स में प्रतियोगियों के दिमाग, इंटेलिजेंस, सोचने की शक्ति, एकाग्रता आदि को परखने के लिए 'कोडिंग-डिकोडिंग' के प्रश्नों को शामिल किया जाता है। हालांकि एग्जाम में पूछे जाने वाले कोड्स वास्तविक दुनिया में जासूसों और एजेंसियों द्वारा उपयोग में लिए जाने वाले कोड्स की तुलना में काफी आसान होते हैं।

कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में पूछे जाने 'कोडिंग एवं डिकोडिंग' के प्रश्न इंग्लिश अल्फाबेट पर आधारित होते हैं।

आइए प्रश्न समझें

नीचे दिए गए चित्र को देखें, पहले प्रत्येक लेटर को एक संख्या से बताया गया है (1 से शुरू करके), उसी प्रकार दूसरे में (उलटे क्रम में 26 से शुरू करके), तीन और चार में दो और प्रकार के कोडिंग पैटर्न को बताया गया है।

इन चार पैटर्न्स और अन्य लॉजिक्स पर कोडिंग-डिकोडिंग के कुल चार तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं

                       

1) पहले प्रकार के प्रश्न

इस तरह के प्रश्नों को सीधे इंग्लिश अल्फाबेट से पूछा जाता है। इसमें इंग्लिश अल्फाबेट के वर्णों को सीधा, उल्टा, ऑल्टरनेट, एक आगे, एक पीछे, दो आगे, दो पीछे आदि कई अन्य लॉजिक्स के आधार पर कोड किया जा सकता है। निम्न उदाहरणों पर नजर डालिए –

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में JAKNAP लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - रिवर्स आर्डर में लिखा गया है तो उत्तर HSEMAR होगा।

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में NAPJAK लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - फर्स्ट-हाफ और सेकण्ड-हाफ को उल्टा कर के लिखा गया है तो उत्तर MARHSE होगा।

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में APKNJA लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - दो-दो अक्षरों को आपस में बदला गया है तो उत्तर AREMHS होगा।

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में QBOLBK लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - एक लेटर आगे कर के लिखा गया है, तो उत्तर SBNFTI होगा।

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में QCQOFP लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - क्रमशः एक, दो, तीन, चार वर्ण आगे कर के लिखा गया है, तो उत्तर SCPIXN होगा।

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में OZMJZI लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - एक लेटर पीछे कर के लिखा गया है, तो उत्तर QZLDRG होगा।

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में OBMLZK लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - एक लेटर आगे एक लेटर पीछे कर के लिखा गया, तो उत्तर QBLFRI होगा।

यदि PANKAJ को किसी कोड भाषा में KZMPZQ लिखा गया है तो उस भाषा में RAMESH को कैसे लिखा जाएगा? - चित्र 3 में दिए गए लॉजिक के अनुसार लिखा गया है, तो उत्तर IZNVHS होगा।

कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में, सबसे अधिक प्रश्न इसी प्रकार के होते हैं।

2) दूसरे प्रकार के प्रश्न

पहले प्रकार के प्रश्नों में कुछ विशेषताएं हैं। जैसे, यह विशुद्ध रूप से अंग्रेजी वर्णमाला पर आधारित हैं। इस वैरायटी में कोड का लॉजिक खोजने के लिए सिर्फ एक रेफरेंस दिया जाता है। लेकिन दूसरे प्रकार में यह आवश्यक नहीं है कि यह अंग्रेजी वर्णमाला पर आधारित हो और समस्या को हल करने के लिए एक से अधिक संदर्भ कोड प्रदान किए जाते हैं।

यदि PANKAJ को 123425 और JALAJ को 52626 के रूप में कोडित किया जाता है, तो उस भाषा में NEERAJ को किस प्रकार कोडित किया जाएगा?

दिए प्रश्न में इंग्लिश अल्फाबेट के लॉजिक का उपयोग नहीं किया गया है और सन्दर्भ के लिए भी दो कोड दिए गए हैं।

हर नए वर्ण को 1, 2, 3 नंबर दिए जा रहे हैं, यदि पुराना वर्ण रिपीट होता है तो उसी कोड का उपयोग किया जाता है। उत्तर 377825 होगा। कोड का विश्लेषण करके हम कह सकते हैं कि P का कोड 1 है, A का कोड 2 है, N का कोड 3 है, K का कोड 4 है और आगे भी। हर नए अक्षर को अगले अंक से कोडित किया जाता है।

3) तीसरे प्रकार के प्रश्न

सीधे उदाहरण से समझिए – ‘यदि किसी निश्चित कूट भाषा में 'गुफा' को 'झोपड़ी' कहा जाता है, 'झोपड़ी' को 'हवेली' कहा जाता है, 'हवेली' को 'आवास' कहा जाता है, 'आवास' को 'महल' कहा जाता है, 'महल' को 'गुफा' कहा जाता है, तो उस कूट भाषा में राजा आमतौर पर कहां रहते हैं?”

क्योंकि राजा आमतौर पर 'महल' में रहता है, और 'महल' का कोड 'गुफा' है इसलिए सही उत्तर 'गुफा' होगा।

4) चौथे प्रकार के प्रश्न

'अजीब-भूमि' के द्वीप पर, आदिवासी भाषा में, 'किट ओ टॉम' का अर्थ है 'मेरा भोजन लो', 'ओ का उद' का अर्थ है 'भोजन ग्रह है', 'टॉम पीडी किट' का अर्थ है ‘मेरा साइकिल लो', 'का मिन लॉट' का अर्थ है 'ग्रह और प्रदूषण', तो उस कूट भाषा में ‘प्रदूषण’ का कूट क्या होगा?

ऊपर दिए उदाहरण की एनालिसिस करने पर आप पाएंगे ‘प्रदूषण’ का कूट मिन या लॉट में से कुछ हो सकता है।

उम्मीद करता हूं आर्टिकल उपयोगी साबित होगा।

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