बारिश और उमस भरी गर्मी से एलर्जी:इन्फेक्शन इग्नोर करना डेंजरस, छोटी फुंसी भी सड़ा सकती है हड्डियां ?

अभी तो मई का महीना शुरू ही हुआ है। गरजते बादल और आसमान से बरसते पानी से तो मानो ऐसा लग रहा है कि बारिश का मौसम आ गया है।

जैसे ही बारिश रुकती है वैसे ही तेज और चुभती गर्मी का एहसास होने लगता है। भीग गए तो भी परेशानी और तेज धूप में रहे, तो उमस और पसीने से कई दिक्कतें।

आज जरूरत की खबर में बात इसी बेमौसम बारिश और कभी तेज गर्मी की वजह से होने वाले स्किन रिलेटेड इश्यूज के बारे में करते हैं।

सवाल: बेमौसम बारिश में आखिर खुजली क्यों होती है?
जवाब: 
बारिश से वातावरण में नमी बढ़ जाती है और गर्मी की वजह से पसीना आता है। इससे स्किन पर बैक्‍टीरिया पनपते हैं। इनकी वजह से ही स्किन रिलेटेड कई प्रॉब्लम होने लगती है।

अब इन परेशानियों को डिटेल में समझते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, इससे बचने का उपाय क्या हैं…

खुजली

क्यों होती है: बारिश में नमी से फंगस और बैक्टीरिया पैदा होने लगते हैं। जिससे स्किन पर दाद, एथलीट फुट और नेल इन्फेक्शन का रिस्क रहता है।

क्या है उपाय: स्किन को धोकर साफ करें और ड्राई रखें। सूखने के बाद स्किन को मॉइस्चराइज करें। अगर ज्यादा परेशानी है तो डॉक्टर को दिखाएं।

स्किन रैशेज

क्यों होता है: भीगने या गीले कपड़ों से स्किन पर रैशेज होने लगते हैं। जिन लोगों को सिरोसिस बीमारी होती है उन्हें रैशेज ज्यादा होते हैं। कई बार ये स्किन इन्फेक्शन सिर की स्किन और नाखूनों में भी पहुंच जाता है।

क्या है उपाय: इससे बचने के लिए सूखे कपड़े पहनें और शरीर को ड्राई रखें। रैशेज वाली जगह पर पाउडर लगाएं और नाखून कटे हुए रखें। बालों को साफ रखें।

घमौरियां

क्यों होता है: बारिश में उमस बढ़ने से पसीना आता है और घमौरियां होने लगती हैं। ऐसे में साफ-सफाई का ध्यान रखें।

क्या है उपाय: घमौरी वाली जगह पर एंटी फंगस प्रोडक्ट्स का यूज करें। घमौरियों पर एलोवेरा जेल भी लगा सकते हैं।

एग्जिमा

क्यों होता है: बारिश में यह प्रॉब्लम बढ़ जाती है। खुजली और जलन इतनी ज्यादा होने लगती है कि चैन की सांस नहीं लेने देती। वैसे तो एक्जिमा की प्रॉब्लम किसी भी उम्र में हो सकती है।

क्या है उपाय: इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रखें। जिससे बार-बार इन्फेक्शन न हो। स्मोकिंग न करें और हेल्दी डाइट लें। नोटिस करें किन चीजों से आपको एलर्जी है उनसे दूर रहें।

दाद-खाज

क्यों होता है: ह्यूमिडिटी ज्यादा होने से पर्यावरण में बैक्टीरिया और जर्म्स तेजी से बढ़ने लगते हैं। जिससे दाद, खाज हो जाता है।

क्या है उपाय: आइस पैक को दाद, खाज वाली जगह पर लगाएं। इससे खुजली और दर्द कम होगा। गीले कपड़े बिल्कुल न पहनें। बॉडी पार्ट्स सूखा रखें।

इन दिनों फंगल इन्फेक्शन के भी बहुत मामले आ रहे हैं। अंडरआर्म्स, प्राइवेट पार्ट और साइड एरिया में यह ज्यादा हो रहा है। जिसमें लाल धब्बे पड़ जाते हैं। जो तेजी से उभरने लगते हैं। इन जगहों पर खुजली के साथ स्किन रैशेस हो जाते हैं।

सवाल: अच्छा तो फिर ये फंगल इन्फेक्शन कितना डेंजरेस होता है?
जवाब:
 इसका डायग्नोसिस मुश्किल नहीं है। पेशेंट फंगल इन्फेक्शन को इग्नोर करते हैं जिसकी वजह से ये जल्दी डायग्नोस नहीं हो पाता।

अगर ये परेशानी 1 से 2 दिन में ठीक नही होती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इग्नोर करना रिस्की हो सकता है।

जब ये शरीर में फैलने लगता है तो इससे टिश्यू और हड्डियों को भी नुकसान हो सकता है। एक छोटी सी फुंसी में पस भी भर सकता है और अंदर ही अंदर सड़न भी पैदा हो सकती है।

ये छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकता है। वीक इम्यूनिटी वालों को इसका ज्यादा खतरा रहता है।

सवाल: फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए क्या करें?
जवाब: 
जब प्रॉब्लम बढ़ जाती है तब ही डॉक्टर के पास न जाएं। याद रखिए यह आपसे आपके फैमिली मेंबर तक फैल सकता है।

अगर स्किन पर रैशेज हैं तो इसका ट्रीटमेंट कराएं

  • खुद से एंटीबायोटिक मेडिसिन लेने से बचें।
  • नाखूनों से रगड़कर न खुजाएं।
  • अपनी पर्सनल टॉवल रखें।
  • पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें।
  • टाइट और गीले कपड़े न पहनें।
  • अंडरगारमेंट रोज बदलें और अच्छे से धोएं।

सवाल: स्किन पर घमौरियां, दाद-खाज होने पर ठंडा-ठंडा कूल टेल्कम पाउडर लगाने से अच्छा फील तो होता है, लेकिन क्या ये सही है?
जवाब: 
इसे प्रिकली हीट पाउडर कहते हैं। इससे उस समय तो आराम मिल जाता है लेकिन कुछ देर बाद दोबारा से खुजली शुरू हो जाती है।

दरअसल ये पाउडर स्किन के पोर्स को बंद कर देता है। इस वजह से पसीना आना तो रुक जाता हैI पोर्स बंद हो जाने से ये प्रॉब्लम और सीरियस हो जाती है।

सवाल: दाद या रिंगवर्म हो जाए तो क्या करें?
जवाब: 
दाद-खाज से आराम पाने के लिए घरेलू नुस्खों का यूज करते हैं।

लहसुन: लहसुन में अजोइना नाम का नेचुरल एंटी फंगल एजेंट होता है। ये फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में हेल्प करता है। लहसुन को छीलकर पतली स्लाइस काट लें या फिर पेस्ट भी यूज कर सकते हैं। दाद वाली जगह पर इसे लगा लें। फिर पट्टी बांध लें और रात भर के लिए छोड़ दें।

हल्दी: हल्दी में नेचुरल एंटीबायोटिक गुण होते हैं। हल्दी और पानी का पेस्ट बनाकर इसे दाद वाली जगह पर लगा लें। इससे फंगल इन्फेक्शन जल्दी सही होता है।

सेब का सिरका: सेब के सिरके को रूई की हेल्प से दाद वाली जगह पर लगाएं। दिन में 4-5 बार इसे लगाएं। इससे बैक्टीरिया जल्दी खत्म हो जाएंगे।

टी ट्री ऑयल: टी ट्री ऑयल स्किन रिलेटेड कई प्रॉब्लम को दूर करता है। अफेक्टेड एरिया में दिन में 3-4 बार लगाने से फंगल इन्फेक्शन कम होता है।

नोट: अगर दाद काफी टाइम से है और इसका इन्फेक्शन तेजी से फैल रहा है तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं।

सवाल: बारिश होने पर स्किन में खुजली होने लगती है। इस खुजली को दूर करने के घरेलू उपाय बताएं?
जवाब: 
नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं-


सवाल: आयुर्वेद में खुजली और स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम दूर करने के लिए क्या उपाय हैं?
जवाब:
 पंतजलि के बाबा रामदेव के मुताबिक खुजली और स्किन रिलेटेड समस्याओं को दूर करने के लिए नीचे दी गई चीजों को रोज पीना चाहिए। इससे खून साफ होता है। जिससे धीरे-धीरे स्किन से जुड़ी परेशानी दूर होती जाती है।

  • नीम रस
  • एलोवेरा जूस
  • गिलोय जूस
  • आंवला जूस

एक्सपर्ट: डॉ. भावुक धीर, डर्मेटोलॉजिस्ट, आरएमएल हॉस्पिटल, दिल्ली

डॉ. उत्कर्ष श्रीवास्तव, डर्मेटोलॉजिस्ट,डर्मा सॉल्यूशंस, भोपाल

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ