हर साल मे 12 महीने होते है और इन सभी महीनो के नाम (Names of the Months) हमे बचपन से याद करवाए जाते है। लेकिन इन सभी महीनों के यह नाम (Names of the Months) कैसे पड़े या इन्हे किसने सबसे पहली बार इनके नाम से पुकारा या इनका नामकरण किया यह हममे से बहुत कम लोग जानते है। तो चलिये हम आपको बताते है की महीनों के नाम कैसे पड़े
ORIGIN OF THE NAMES OF THE MONTHS IN HINDI
ईसा पूर्व 8वी सदी मे बने रोमन और ग्रीक कलेंडर ही आज के कलेंडर का आधार है । लेटिन कलेंडर मे सबसे पहले 10 महीने होते थे और मार्च से नय साल की शुरुआत होती थी। उस समय साल के अंतिम चार महीने सितम्बर (7वा महिना), अक्टूबर (8वा महिना), नवम्बर (9वा महिना), दिसम्बर (10वा महिना) हुआ करते थे। ईसा पूर्व पहली सदी मे जनवरी और फरवरी इस कलेंडर मे जोड़े गए
जनवरी (January) – जनवरी महीने का नाम दरवाजो और गेट के यूनानी देवता जेनस (janus) के नाम पर है। जेनस जो बाद में जाकर जेनुअरी (January) बना जिसे हिन्दी में जनवरी कहा जाता है। यूनानी मान्यता के अनुसार उनके देवता जेनस के दो चेहरे हैं। एक चेहरे से वह पीछे तो दूसरे चेहरे से वह आगे की ओर देखते है। इसी तरह जनवरी महिना भी एक ओर पिछले साल की ओर तो एक ओर दूसरे साल की तरफ देखता है।
फरवरी (February) – फरवरी महीने का नाम फेब्रुआलिया नाम की उस अवधि के नाम पर पढ़ा जिस दौरान अपने पापो के प्रायश्चित के लिए पुराने जमाने मे यूनानी लोग देवताओ को चड़ावा दिया करते थे।
मार्च (March) – मार्च का नाम रोमन युद्ध के देवता मार्स के नाम पर पड़ा। रोमन वर्ष की शुरुआत इसी महीने से होती है।
अप्रैल (April) – अप्रैल की उत्पति ‘एस्पेरायर’ शब्द से हुई जिसका लेटिन मे अर्थ है ‘’कलियों का खुलना’’। प्राचीन रोम में इसी महीने मे कलियां खिलकर फूल बनती थीं अर्थात बसंत ऋतु का आगमन होता था इसलिए शुरुआत में इस महीने का नाम एप्रिलिस रखा गया जिसे बाद मे जाकर अप्रैल बन गया ।
मई (May) – मई शब्द की उत्पति पौधो के वर्धन की देवी ‘’मायया’’ के नाम पर हुई।
जून (June) – नाम की उत्पत्ति रोम के सबसे बड़े देवता जीयस और उनकी पत्नी जूनो के नाम पर हुई है। इन्ही देवी के नाम पर जून (June) का नामकरण हुआ।
जुलाई (July) – जुलाई शब्द Roman Senate (रोमन सीनेट) द्वारा जूलियस सीजर (Julius Caesar) के सम्मान के लिए रखा गया क्योकि इसी महीने उनका जन्म और मृत्यु हुई थी । इसलिए इस महीने का नाम जुलाई (July) कर दिया गया।
अगस्त (August) – अगस्त महिने का नाम जूलियस सीजर के भतीजे आगस्टन सीजर के नाम पर रखा गया।
सितम्बर (September) – सितम्बर महीने का नाम ‘सात’ के लेटिन शब्द‘’सेप्टम’’ के नाम पर पढ़ा। रोम में September को सैप्टेंबर कहा जाता था।
अक्टूबर (October) – अक्टूबर महीने का नाम लेटिन शब्द के पर्याय ‘आक्ट’ के नाम पर रखा गया जिसका मतलब 8 होता है।
ईसा पूर्व 8वी सदी मे बने रोमन और ग्रीक कलेंडर ही आज के कलेंडर का आधार है । लेटिन कलेंडर मे सबसे पहले 10 महीने होते थे और मार्च से नय साल की शुरुआत होती थी। उस समय साल के अंतिम चार महीने सितम्बर (7वा महिना), अक्टूबर (8वा महिना), नवम्बर (9वा महिना), दिसम्बर (10वा महिना) हुआ करते थे। ईसा पूर्व पहली सदी मे जनवरी और फरवरी इस कलेंडर मे जोड़े गए
जनवरी (January) – जनवरी महीने का नाम दरवाजो और गेट के यूनानी देवता जेनस (janus) के नाम पर है। जेनस जो बाद में जाकर जेनुअरी (January) बना जिसे हिन्दी में जनवरी कहा जाता है। यूनानी मान्यता के अनुसार उनके देवता जेनस के दो चेहरे हैं। एक चेहरे से वह पीछे तो दूसरे चेहरे से वह आगे की ओर देखते है। इसी तरह जनवरी महिना भी एक ओर पिछले साल की ओर तो एक ओर दूसरे साल की तरफ देखता है।
फरवरी (February) – फरवरी महीने का नाम फेब्रुआलिया नाम की उस अवधि के नाम पर पढ़ा जिस दौरान अपने पापो के प्रायश्चित के लिए पुराने जमाने मे यूनानी लोग देवताओ को चड़ावा दिया करते थे।
मार्च (March) – मार्च का नाम रोमन युद्ध के देवता मार्स के नाम पर पड़ा। रोमन वर्ष की शुरुआत इसी महीने से होती है।
अप्रैल (April) – अप्रैल की उत्पति ‘एस्पेरायर’ शब्द से हुई जिसका लेटिन मे अर्थ है ‘’कलियों का खुलना’’। प्राचीन रोम में इसी महीने मे कलियां खिलकर फूल बनती थीं अर्थात बसंत ऋतु का आगमन होता था इसलिए शुरुआत में इस महीने का नाम एप्रिलिस रखा गया जिसे बाद मे जाकर अप्रैल बन गया ।
मई (May) – मई शब्द की उत्पति पौधो के वर्धन की देवी ‘’मायया’’ के नाम पर हुई।
जून (June) – नाम की उत्पत्ति रोम के सबसे बड़े देवता जीयस और उनकी पत्नी जूनो के नाम पर हुई है। इन्ही देवी के नाम पर जून (June) का नामकरण हुआ।
जुलाई (July) – जुलाई शब्द Roman Senate (रोमन सीनेट) द्वारा जूलियस सीजर (Julius Caesar) के सम्मान के लिए रखा गया क्योकि इसी महीने उनका जन्म और मृत्यु हुई थी । इसलिए इस महीने का नाम जुलाई (July) कर दिया गया।
अगस्त (August) – अगस्त महिने का नाम जूलियस सीजर के भतीजे आगस्टन सीजर के नाम पर रखा गया।
सितम्बर (September) – सितम्बर महीने का नाम ‘सात’ के लेटिन शब्द‘’सेप्टम’’ के नाम पर पढ़ा। रोम में September को सैप्टेंबर कहा जाता था।
अक्टूबर (October) – अक्टूबर महीने का नाम लेटिन शब्द के पर्याय ‘आक्ट’ के नाम पर रखा गया जिसका मतलब 8 होता है।
नवम्बर (November) – नवम्बर महीने का नाम लेटिन शब्द के पर्याय ‘नोवेम्बर’ के नाम पर रखा गया जिसका मतलब 9 होता है।
दिसम्बर (December) – दिसम्बर महीने का नाम लेटिन शब्द के पर्याय डेसेम (decem) के नाम पर रखा गया मतलब होता है “दस”
अब तो आप जान ही गए होंगे की की आखिर कैसे हुआ इन महीनो का नामकरण?
0 टिप्पणियाँ