भारत के जंगलों में कई ऐसे पक्षी पाए जाते हैं, जो अपने शरीर के रंग और बनावट से खुद को वातावरण में पूरी तरह छिपा लेते हैं. ये पक्षी शिकार से बचने और शिकार करने के लिए खुद को अदृश्य कर लेते हैं.
हम सभी लोगों ने गिरगिट के बारे में सुना और पढ़ा है कि वह शिकार करने और खुद को शिकार से बचाने के लिए रंग बदलता है. यानी वह जिस भी चीज पर होता है, उसी के रंग में अपने आप को ढाल लेता है. लेकिन क्या आपने ऐसे भारतीय पक्षियों के बारे में सुना है, जो खुद को छिपाने की कला में माहिर होते हैं. इन पक्षियों की शारीरिक बनावट और रंग इस प्रकार के होते हैं, जो अपने आसपास यानी जिस चीज पर वे बैठते हैं या होते हैं, अपने आप को उसी के माहौल में ढालकर गायब यानी विलीन हो जाते हैं.
पक्षियों की ये प्रजातियां भारत के जंगलों में पाई जाती हैं, जो शिकार से बचने या शिकार करने के लिए अपने शरीर को आसपास के वातावरण में विलीन या अदृश्य कर लेती हैं. आइए जानते हैं ऐसी कुछ भारतीय प्रजाति के पक्षियों के बारे में.
इंडियन नाइटजार
इंडियन नाइटजार जिसे स्थानीय भाषा में चिपका भी कहा जाता है, भारत में पाए जाने वाले पक्षियों की ऐसी प्रजाति है, जो अपने आप को छुपाने की कला में माहिर है. यह आपके सामने ऐसे ओझल हो जाएगी कि आपको पता भी नहीं चलेगा. यह पक्षी रात के समय शिकार के लिए निकलती है और दिन भर जमीन पर बिल्कुल शांत तरीके से लेटी रहती है. इस पक्षी का रंग झाड़ियों और पत्तियों से बिल्कुल मेल खाता है, जिससे यह अपने शरीर को पूरी तरह ढक लेती है. इस पक्षी को घोस्ट बर्ड भी कहा जाता है, क्योंकि यह रात के समय ज्यादा सक्रिय होती है. यह उन पक्षियों में से एक है, जो घोंसले में अंडे देने की बजाय जमीन पर ही अपने अंडे देती है.
टॉनी फिश आउल
टॉनी फिश आउल एक ऐसा उल्लू है, जो भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में पाया जाता है. यह घने जंगलों के बीच रहना पसंद करता है. इस उल्लू की सबसे बड़ी खासियत इसका भूरा रंग है, जो इसे अदृश्य करने में मदद करता है. इसके रंग की वजह से यह पेड़ों, पत्तियों और वनस्पतियों में एकदम विलीन हो जाता है. इसका रंग लकड़ी के रंग जैसा होता है, जो इसे पेड़ों में अपने आप को छिपाने में मदद करता है. यह कभी भी रोशनी में बैठना या रहना पसंद नहीं करता. इसे हमेशा कम रोशनी और रात का मौसम ही पसंद आता है.
इंडियन थिक-नी
इंडियन थिक-नी एक ऐसा पक्षी है, जो अपने आप को पथरीली जमीन में भी छिपा सकता है. इस पक्षी की प्रजाति मुख्य तौर पर दक्षिण भारत के जंगलों में पाई जाती है. यह पक्षी घने जंगलों के साथ-साथ सूखे जंगलों में भी अपने आप को छिपा सकता है. इस पक्षी का रंग पत्थर के रंग जैसा होता है और इसके पंखों का रंग भी बिल्कुल धूल, मिट्टी, कंकड़ और सूखे पत्तों जैसा होता है.
पेंटेड स्परफाउल
पेंटेड स्परफाउल भारतीय पक्षियों की ऐसी प्रजाति है, जो अपने आप को छिपाने में माहिर होती है. यह पक्षी केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में पाया जाता है. इस पक्षी का रंग बिल्कुल मिट्टी के रंग जैसा होता है, जिसके जरिए यह अपने आप को पेड़ों, झाड़ियों और पत्तियों में छिपा लेता है और शिकारी को चकमा देता है. यह उन पक्षियों में शामिल है, जो स्वभाव से बहुत शर्मीले होते हैं. इसलिए यह पक्षी ज्यादातर घने जंगलों में रहना ही पसंद करता है.

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