Voicemail Manuscript- सन् 1912 में एक पोलिश बुक डीलर विलफ्रिड वॉयनिच को पुरानी किताबों की दुकान पर एक किताब मिली और उन्होंने इसे खरीद लिया। उन्हीं के नाम पर इसे वॉयनिच मैन्युस्क्रिप्ट कहा जाता है। करीब 240 पन्नों की इस किताब में अक्षर बाएं से दाएं लिखे गए हैं और इसमें कुछ रेखाचित्र भी हैं। इसे पढ़ा तो नहीं जा सका था, लेकिन कार्बन डेटिंग से यह जरूर जान लिया गया था कि यह 15वीं शताब्दी के शुरुआती वर्षों (1404-1438 के बीच) में लिखी चीज है। चूंकि इसका रहस्य सुलझाया नहीं जा सका कि इस किताब में क्या लिखा है, इसलिए इसके इर्द गिर्द तरह-तरह की चर्चाएं इकट्ठा होती रहीं। कभी इसे किसी गुप्त समूह का कोड बताया गया तो कभी किसी दूसरे ग्रह के प्राणी की निशानी।
Loladoff Plate- लोलाडाफ प्लेट लगभग 12000 साल पुराने पत्थर से बनी तश्तरी है। यह तश्तरी नेपाल में मिली थी। इस तश्तरी को देख कर यह अनुमान लगाया गया है कि मिश्र ही केवल वह स्थान नही है जहा पूराने समय में एलियंस आये थे। यह तश्तरी एक UFO समान जैसी नजर आती है। साथ ही इन तश्तरी में ऐसी आकृति भी बनी हुयी है जो Gray Aliens से मिलती जुलती है।
Aluminum Wedge of Aiud– ट्रांसिल्वेनिया के मुरीस नदी के किनारे 1974 में Aluminum का एक खूंटा मिला। आयुड़ शहर के पास नदी किनारे मिला खूंटा लगभग 20,000 साल पुराना मैस्टडन बोन्स (दांत की हड्डी के समान ) का बना था। इस पर एक मिलीमीटर ऑक्साइड की परत चढी थी जो यह दर्शाता था कि यह लगभग 300 से 400 साल पुरानी है। अल्युमिनियम को हमेशा दुसरे मेटल के साथ मिलााकर बनाया जाता है जबकि यह शुद्ध अल्युमिनियम था। यह 300 साल पुरानाArtifact इसलिए भी विलक्षण है क्योंकि 1808 तक अल्युमिनियम की खोज नही हुयी थी और 1885 तक इसकी ज्यादा मात्रा में उत्पादन भी नही किया जाता था । इसके रहस्य को जानने के लिए आज भी शोध चल रहा है।
मैक्सिको का Tiatihuacan शहर- Mexico city के ठीक बाहरी इलाके में Tiatihuacan स्थित है। यह पिरमिडों की एक खंडहर सिटी है। इसकी खोज एजटेक्स ने की थी। इसिलिए इसका नाम Tiatihuacan किया था। Tiatihuacan। का अर्थ है, Place Of The God। एजटेक्स का मानना था कि यह शहर मध्ययुग में अचानक प्रकट हुआ था। 500 वर्ष पहले यह जगह खंडहर में बदल गई है। हालांकि इसके अस्तित्व को लेकर कोई भी अन्य अवधारणा प्रचलित नहीं है क्योंकि लिखित में भी इसके बारे में कुछ भी उपलब्ध नहीं है। फिर भी यह संरचना आज भी रहस्य बना हुआ है। इस बस्ती को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां 25000 लोग रहते होंगे। इसका निर्माण अर्बन ग्रिड सिस्टम की तरह हुआ है। यहां एक पिरामिड के अंदर जितनी भी हड्डियां मिली हैं, उससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में यहां इंसानों का बलिदान हुआ होगा।
Fasthos Disk- फैस्टोस डिस्क एक रहस्यमयी राज ही है। DOUOSVAVVM कोड के पीछे की गुत्थी क्या है, जिसे लेकर कई बड़े विद्वान तक माथापच्ची कर रहे हैं। गौरतलब है कि DOUOSVAVVM कोड को क्रैक करने की कोशिश करने वालों की सूची में चार्ल्स डिकेन्स और चार्ल्स डारविन जैसी बड़ी शख्सियत तक शामिल है। इन्होंने दुनिया को अलविदा तो कह दिया, लेकिन DOUOSVAVVM की गुत्थी अभी भी उलझी हुई है। इतालवी पुरातत्वविद लुइगी पर्नियर ने सन् 1908 में इसकी खोज कि थी। यह डिस्क पकी हुई मिट्टी से बनी है, जिसमें कई रहस्यमयी चिह्न बने हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि फैस्टोस डिस्क को दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में डिजाइन किया गया था। वहीं, कुछ विद्वानों का मानना है कि यह होरेग्लिफिक्स लीनियर ए और लीनियर बी प्रतीक को दर्शाते हैं। इस तरह की भाषा प्राचीन काल में इस्तेमाल की जाती थी। आज यह डिस्क पुरातत्वविदों के साथ ही हमारे लिए भी एक रहस्य ही बना हुआ है।
तमम शड केस– इस प्रकरण को ऑस्ट्रेलिया के सबसे गहरे रहस्यों में माना जाता है। तमम शड प्रकरण, दिसंबर 1948 में एडिलेड में सोमर्टन समुद्री तट पर मृत पाए गए एक अज्ञात शख्स से जुड़ा हुआ है। मृतक की शिनाख्त कभी नहीं हो पाने के तथ्य से परे वो कागज का टुकड़ा अनसुलझी पहेली बन गया, जिसमें ‘तमम शड’ शब्द का जिक्र था।
एडिलेड पुलिस को कागज का ये टुकड़ा, मृतक की जेब से मिला था। शब्द का जब अनुवाद किया गया, तो पता चला कि इसका मतलब ‘अंत’ होता है। इस शब्द का इस्तेमाल उमर खय्याम की कविता ‘रूबाइयत’ में किया गया है। ये रहस्य तब और गहरा गया, जब खय्याम की एक कलेक्शन में हाथ से लिखा एक कोड मिला। माना जाता है कि मरने से पहले उस शख्स ने ही कागज के इस टुकड़े को किताबों में दबाया होगा।
Structure of Stones- सहारा के सुदूर रेगिस्तान में स्थित पत्थरों का एक ढांचा दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। 1973 में पुरातत्व शास्त्री पहली बाार यहां पहुंचे थे। 1998 में प्रोफेसार फ्रेड वैंडोर्फ की टीम ने पत्थरों के इस संरचना का अध्ययन किया तो पता चला कि ये लगभग 6000 साल ईसा पूर्व में बनाया गया है। अध्ययन से पता चला है कि यह संरचना खगोल शास्त्र और ज्योतिष से संबंधित हो सकते है। यह एक रहस्य ही है कि 6000 साल पहले के लोगों ने इतना विकास कैसे किया होगा।
Azac Oasis Wheel- 1927 में ब्रिटेन के रायल एयरफोर्स के पायलट मैटलैंड जब उड़ान पर थे, तब उन्होंने पहिए के समान 82 फीट और 230 फीट व्यास की ये आकृतियां देखी थी। यह आकृतियां सीरिया से लेकर जॉर्डन और सउदी अरब के आगे तक फैली हुई हैं। यह आकृतियां पत्थरों की बनी हुई है। इसके बारे में पुरातत्व वैज्ञानिकों का कहना है कि ये 2000 वर्ष से अधिक पुरानी है।
Death Valley Stones- डेथ वैली एक ऐसी रहस्यमयी जगह है जो पूर्वी कैलिफोर्निया में एक रेगिस्तान में स्थित है। यह सबसे गर्म और विचित्र जगह है। इसका कारण है यहां के सिरकते हुए पत्थर। 320 किलो के पत्थरों को अपनी जगह बदलते देखा गया है। ऐसा क्यों होता है यह आज तक एक रहस्य ही बना हुआ है। नासा भी इसका कारण पता नहीं लगा पाई। यहां तक की 1972 में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन पत्थ्रों का सात वर्ष तक अध्ययन किया लेकिन यह उस समय यह पत्थर अपनी जगह से बिलकुन नहीं हिले, लेकिन कुछ साल जब देखा गया तो वे पत्थर अपनी जगह से 1 किलोमिटर तक सिरक चुके थे। इसका कारण आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है।
जहाज का चित्र- जापान की एक बहुत ही प्राचीन गुफा में एक प्राचीन चित्र है। यह चित्र एक हवाई-जहाज की है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह चित्र लगभग 5,000 ईसा पूर्व की है। वैज्ञानिक हैरान है कि क्या प्राचिन समय में ऐसा कोई विमान था और अगर नहीं था तो इस चित्र को किसने और क्यों बनाया होगा।
30 करोड़ साल पुराना लोहे का पेंच-1998 में रूसी वैज्ञानिक दक्षिण-पश्चिम मॉस्को से करीब 300 किलोमीटर दूर एक उल्का के अवशेष की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक पत्थर का टुकड़ा मिला, जिसमें लोहे का पेंच संलग्न था। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, ये पत्थर 300 मिलियन (30 करोड़) साल पुराना है। आर्श्चय की बात तो यह है कि उस समय न तो कोई प्रबुद्ध प्रजाति थी और न ही इस पृथ्वी पर डायनासोर थे। कहने का अर्थ है कि डायनासोर से पहले का यह पेंच एक रहस्य ही है। क्योंकि उस समय यह पेंच किसने बनाया होगा। पत्थर के बीच लोहे का पेंच साफ दिखाई पड़ता है। इसकी लंबाई एक सेंटीमीटर और व्यास तीन मिलीमीटर है।
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