
लैंटस क्या है?
लैंटस लम्बे समय तक काम करने वाली एक ऐसी इन्सुलिन है जिसका उपयोग टाइप-1 और टाइप-2 वाले मधुमेह के रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है।
लैंटस इंसुलिन में सक्रिय घटक के रूप में इंसुलिन ग्लार्गिन होता है जो मानव इंसुलिन के समान ही मानव निर्मित इंसुलिन है और शरीर की कोशिकाओं को कृत्रिम इंसुलिन की निम्न और स्थिर दर देता है।
लैंटस का उपयोग
लेंसस इंसुलिन इंजेक्शन के रूप में मिलता है जिसका उपयोग अन्य शॉर्ट-एक्टिंग इंसुलिन और अन्य मौखिक हाइपोग्लाइसेमिक दवाओं के मेल में किया जा सकता है
लैंटस कैसे काम करता है?
- लैंटस इंसुलिन ग्लार्गिन का एक स्टरलाइट सोलूशन है। लेंसस के हर एक मि.ली. में इंसुलिन ग्लर्बाइन की 100 अंतरराष्ट्रीय इकाइयां हैं।
- इंसुलिन ग्लार्गिन तेजी से काम करने वाला इंसुलिन है जो मानव इंसुलिन के समान काम करता है और मांसपेशियों द्वारा ग्लूकोज को उत्तेजित करके और ग्लूकोज के उत्पादन को रोककर रक्त ग्लूकोज के स्तर को कम करता है।
- रक्त ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करके यह गुर्दे की क्षति, हृदय की समस्याओं, अंधापन, तंत्रिका -तन्त्र की समस्याओं की घटनाओं को कम करता है।
लैंटस कैसे लें?
- लैंटस की खुराक और इसे लेने का तरीका आपकी उम्र, स्थिति की गंभीरता, शारीरिक स्वास्थ्य और चिकित्सा के प्रति प्रतिक्रिया पर आधारित होता है।
- यदि सोल्युशन रंगहीन हो गया हो या कंटेनर में क्लम्प्स हो गये हों तो लैंटस ना लें| ऐसे मामलों में कंटेनर को छोड़ दें।
- लैंटस का इंजेक्शन ठंडा होने पर नहीं देना चाहिए क्योंकि यह बहुत दर्दनाक हो सकता है। इसे कमरे के तापमान पर ही लेने की सलाह दी जाती है।
- इंजेक्शन लेने से पहले उस जगह को अल्कोहल के साथ रगड़कर उस जगह को साफ और सूखी कर लें| इसे त्वचा के नीचे लेना चाहिए अंतःशिरा या इंट्रामस्क्यूलर मार्ग के माध्यम से इसे ना लें|
- उसी सिरिंज या सुई को फिर से उपयोग या साझा न करें क्योंकि इससे हेपेटाइटिस, एच.आई.वी जैसे गंभीर संक्रमणों की संभावना बढ़ सकती है।
- भोजन से 15 मिनट पहले या भोजन के तुरंत बाद लैंटस को इंजेक्ट करें क्योंकि इंसुलिन तेजी से काम करती है और भोजन छोड़ने पर हाइपोग्लाइकेमिया हो सकता है।
- गैर फार्माकोलॉजिकल थेरेपी (आहार संशोधन, वजन नियंत्रण और व्यायाम) लैंटस लेने के साथ रक्त ग्लूकोज के स्तर को कम करने के लिए भी उतनी ही आवश्यक है।
- अन्य इंसुलिन उत्पादों और समाधानों के साथ लैंटस इंसुलिन का मेल न करें।
भारत में लैंटस का मूल्य
- इंजेक्शन 2 रुपये में 100 आई.यू प्रति एम.एल. सोलूशन का 3 मि.ली. का इंजेक्शन
- लैंटस सोलोस्टर: 6 9 रुपये में 100 आई.यू प्रति एम.एल. पेन का 3 मि.ली. का इंजेक्शन
- 01 रुपये में 100 आई.यू प्रति एम.एल शीशी का 10 मि.ली. का इंजेक्शन
लैंटस की सामान्य खुराक
- मधुमेह के इलाज के लिए लैंटस की कोई निश्चित खुराक नहीं है। इसकी खुराक भिन्नता के लिए रक्त ग्लूकोज के स्तर की निरंतर निगरानी जरूरी है।
- इसके दुष्प्रभावों के जोखिम को कम करने के लिए आपका डॉक्टर शुरू में कम खुराक से शुरू करता है और धीरे-धीरे आपकी स्थिति के आधार पर ही आपकी खुराक बढ़ा सकता है।
- खुराक को ध्यान से मापकर ही लें क्योंकि इंसुलिन की खुराक में सबसे छोटे बदलाव से रक्त शर्करा के स्तर पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
- लैंटस इंसुलिन को दिन में एक ही बार और एक ही समय पर लेना चाहिए|
- शारीरिक गतिविधि, समय और भोजन के सेवन की मात्रा, गुर्दे और जिगर के कार्यों में बादलाव के साथ लैंटस इंसुलिन की खुराक के समायोजन की आवश्यकता होती है।
लैंटस से कब बचें?
लैंटस से निम्न स्थितियों में बचना चाहिए या सावधानी के साथ इसका प्रयोग करना चाहिए:
- इसके किसी भी घटक से एलर्जी वाले मरीज
- मधुमेह केटोएसिडोसिस (एसिड के निर्माण से जुड़े मधुमेह की जटिलता)
- गुर्दे या जिगर का गंभीर विकार
भंडारण
- इसे सीधी गर्मी और नमी से दूर एक ठंडी और सूखी जगह पर रखें।
- दवा को फ्रीज न करें।
- बच्चों और पालतू जानवरों से इस दवा को दूर रखें।
लैंटस लेते समय टिप्स
अच्छे परिणाम पाने के लिए लैंटस को गैर फार्माकोलॉजिकल थेरेपी (उचित आहार संशोधन, वजन नियंत्रण और व्यायाम) के साथ लेना चाहिए। शुरुआती टाइप-2 मधुमेह में केवल गैर फार्माकोलॉजिकल थेरेपी द्वारा ही अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
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