बड़ों के मुकाबले बच्चों में एलर्जी का खतरा ज्यादा, आंख में खुजली और पानी निकलने पर एक्सपर्ट से मिलें; ऐसे करें बचाव ?

 

बच्चों में सर्दी-खांसी के लक्षण दिखने पर पेरेंट्स अलर्ट हो जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे लक्षण भी हैं जिसे अक्सर पेरेंट्स समझ नहीं पाते हैं। जैसे- बार-बार छींकना, नाक बहना, आंखों में खुजली होना। ये लक्षण एलर्जी के हैं। वैज्ञानिक भाषा में इसे एलर्जिक राइनाइटिस कहते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं, यह समझना जरूरी है कि बच्चे को किस चीज से एलर्जी हो रही है, ताकि उसे बच्चे से दूर रखा जा सके।

एलर्जिक राइनाइटिस क्या है, इसका बच्चों पर क्या असर पड़ता है और इससे कैसे बचें, इन सवालों के जवाब जानिए फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट के हेड डॉ. कृष्ण चुग से...

क्या है एलर्जिक राइनाइटिस

ऐसी चीजों जो बच्चों और बड़ों में एलर्जी की वजह बनती हैं, उन्हें एलर्जंस कहते हैं। जब शरीर ऐसे एलर्जंस के सम्पर्क में आता है तो रोगों से बचाने वाला इम्यून सिस्टम अधिक तेजी से काम करने के लगता है। नतीजा, हालत और बिगड़ने लगती है। एलर्जंस बाहर ही नहीं, घर के अंदर भी होते हैं। हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट भी सांस से जुड़ी एलर्जी की वजह बनते हैं। इसके अलावा हवा में मौजूद परागकण, घरों में इस्तेमाल होने वाले कुछ खास केमिकल, धूल, मिट्‌टी भी एलर्जी की वजह बन सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य (WHO) संगठन कहता है, 15 साल से कम उम्र के 93 फीसदी बच्चे प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। खतरा इसलिए भी रहता है क्योंकि बच्चे बड़ों के मुकाबले अधिक सांस लेते हैं।

ऐसे पता लगाएं एलर्जी की वजह

एलर्जी की वजह क्या है, यह पता लगाने के लिए स्किन प्रिक टेस्ट कराया जाता है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट भी कर सकते हैं। जांच रिपोर्ट में खास तरह के एलर्जंस के प्रति इम्युनोग्लोब्यूलिन ई-एंटीबॉडीज को देखकर एलर्जी का पता लगाया जाता है। इसलिए एलर्जिक राइनाइटिस से जुड़े लक्षण दिखने पर डॉक्टरी सलाह लें। लक्षण बार-बार दिखने पर टेस्ट कराएं।

बच्चों को एलर्जी से ऐसे बचाएं

एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए ताकि इसे बढ़ने से रोका जा सके। एलर्जी सिर्फ बाहर की चीजों से ही नहीं, घर की चीजों से भी हो सकती है। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे-

  • घरों में पर्दे, कार्पेट, सोफा को रेग्युलर साफ करते रहें। इसमें मौजूद धूल और डस्ट माइट भी एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
  • बेडशीट और तकिए के कवर कुछ दिन के अंतराल पर बदलें।
  • एयरकंडीशनर और एयर प्यूरीफायर के फिल्टर को साफ करते रहें।
  • घर को चारों तरफ से बंद न करें, बीच-बीच में खिड़कियां खोलें ताकि वेंटिलेशन बना रहे।
  • शहर में पॉल्यूशन का लेवल बढ़ने पर बच्चे बाहर निकलें तो उन्हें मास्क जरूर लगाएं।



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