डॉ. परवेश मलिक
फिजिशियन, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल
डिग्री- एम.बी.बी.एस, एमडी (जनरल मेडिसिन)
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने देश में जैसे संक्रमण की बाढ़ सी ला दी है। हर दिन लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं और हजारों की मौत हो रही है। बीते 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड तीन लाख 79 हजार से अधिक नए कोरोना मरीज मिले हैं, जबकि 3,600 से अधिक लोगों की संक्रमण के कारण जान चली गई। कोरोना की इस दूसरी लहर में सबसे बड़ी दिक्कत ये हो गई है कि लक्षण दिखने के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इसके अलावा चूंकि अभी बड़ी तादाद में टेस्ट हो रहे हैं, ऐसे में रिपोर्ट मिलने में भी काफी देरी हो रही है। आइए जानते हैं कि आखिर किन वजहों से कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है और आपको सतर्क रहने की जरूरत है।
स्वाब लेने के गलत तरीके से
अगर गले या नाक से स्वाब सैंपल सही से न लिए गए हों, तो कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। दरअसल, मरीज की नाक या गले से स्वाब लेने के बाद उसे एक तरल पदार्थ में डाला जाता है। अब स्वाब में वायरस मौजूद होता है, तो वह उस पदार्थ के साथ मिल जाता है और उसमें सक्रिय रहता है। फिर उसे लैब में टेस्ट के लिए भेजा जाता है। लेकिन स्वाब लेते समय अगर गलती हुई हो तो जाहिर है कि रिपोर्ट तो निगेटिव आएगी।
स्वाब सैंपल के अनुचित ट्रांसपोर्टेशन से
विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर स्वाब सैंपल को सही तरीके से स्टोर न किया गया हो और ऐसी स्थिति में उसका अनुचित ट्रांसपोर्टेशन हो, तो रिपोर्ट के निगेटिव आने की संभावना अधिक रहती है। दरअसल, ट्रांसपोर्टेशन के दौरान वायरस सामान्य तापमान के संपर्क में आता है, तो वह अपनी वाइटैलिटी (प्राण) खो देता है, ऐसे में रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है।
तरल पदार्थ की कमी होने से
दरअसल, मरीज के गले या नाक से स्वाब सैंपल लेने के बाद उसे जिस तरल पदार्थ में डाला जाता है, अगर वायरस को सक्रिय रखने के लिए उस तरल पदार्थ की आवश्यक मात्रा कम हुई तो ऐसे में कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है।
शरीर में वायरल लोड कम होने से
कभी-कभी कोरोना मरीज के शरीर में वायरल लोड बहुत कम होता है, इसलिए भी लक्षणों के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। ऐसे में आपको सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आपके साथ ऐसी स्थिति बन रही है कि आपको लक्षण दिख रहे हैं, लेकिन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, तो भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें और इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें।
क्या म्यूटेटेड वायरस के कारण भी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है?
इस समय देश के कई राज्यों में कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस फैला हुआ है। विशेषज्ञ कहते हैं कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इस डबल म्यूटेंट की पहचान नहीं कर पा रही, इसलिए हो सकता है कि यह आरटी-पीसीआर टेस्ट में पकड़ में न आए।
लक्षण दिखने पर भी रिपोर्ट निगेटिव आए तो क्या करें?
अगर आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव है और फिर भी कोरोना के सभी लक्षण हैं, तो मरीज को डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार शुरू करना चाहिए और पांच से छह दिनों के बाद फिर से टेस्ट कराना चाहिए। अगर फिर भी रिपोर्ट निगेटिव आए, तो सीटी-स्कैन कराने की जरूरत पड़ सकती है। इससे मरीज की छाती के अंदर कोरोना संक्रमण का पता चल जाता है, लेकिन ध्यान रहे कि बिना डॉक्टर के परामर्श के आप खुद से कुछ भी न करें।
नोट: डॉ. परवेश मलिक एक फिजिशियन हैं और वर्तमान में पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉ. मलिक ने हरियाणा के महर्षि मार्कंडेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड रिसर्च मुल्लाना, से अपना एबीबीएस पूरा किया है। इन्होंने जनरल मेडिसिन में एमडी भी किया। पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में काम करने से पहले डॉ. परवेश ने एम.एम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी में जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम किया है।
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