कोविशील्ड vs कोवैक्सिन vs स्पुतनिक V: कौन है बेस्ट, कौन है कितना प्रभावी, सबकुछ जानें

 कौन-सी वैक्सीन है बेस्ट?

आपको बता दें कि यदि आप वैक्सीन नहीं लगवाने की सोच रहे हैं तो आप अपनी सेहत के साथ मजाक कर रहे हैं। देश के तमाम डॉक्टर्स और एक्सपर्ट के मुताबिक तीनों ही वैक्सीन कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचाने और मौत को टालने में 100 फीसदी प्रभावी हैं। ऐसे में आपके लिए जरूरी यही है कि आपको इनमें से जो वैक्सीन मिले उसे लगवा लें। आपकी सेहत और कीमती जीवन के लिए वैक्सीन जरूरी है। 

कोविशील्ड (Covishield)


कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने तैयार किया है और अब इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है। कोविशील्ड दुनिया की सबसे लोकप्रिय वैक्सीन में से है और कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कोविशील्ड म्यूटेंट स्ट्रेन्स के खिलाफ सबसे असरदार और प्रभावी है। कोवीशील्ड एक वायरल वेक्टर टाइप की वैक्सीन है। कोविशील्ड को सिंगल वायरस के जरिए बनाया गया है जो कि चिम्पैंजी में पाए जाने वाले एडेनोवायरस ChAD0x1 है। कोवीशील्ड को भी who ने मंजूरी दी है। कोविशील्ड का ट्रायल पिछले साल नवंबर में खत्म हुआ था। इसकी प्रभाविकता या इफेक्टिवनेस रेट 70 फीसदी है। यह वैक्सीन कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचाती है और संक्रमित व्यक्ति जल्दी ठीक होता है।

कोवैक्सिन (Covaxin)

कोवैक्सिन को ICMR और भारत बायोटेक ने तैयार किया है। इसे पारंपरिक इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इनएक्टिवेटेड का मतलब है कि इसमें डेड वायरस को शरीर में डाला जाता है, जिससे एंटीबॉडी पैदा होती है और फिर यही एंटीबॉडी वायरस को मारती है। यह वैक्सीन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है, बल्कि यह प्रतिरक्षा तंत्र को असली वायरस को पहचानने के लिए तैयार करता है और संक्रमण होने पर उससे लड़ता है और उसे खत्म करने की कोशिश करता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस वैक्सीन से कोरोना वायरस को खतरा है, इंसानों को नहीं। कोवैक्सीन की प्रभाविकता 78 फीसदी है। एक शोध में यह दावा किया गया है कि यह वैक्सीन घातक संक्रमण और मृत्यु दर के जोखिम को 100 फीसदी तक कम कर सकती है। हाल ही में हुए शोध में यह दावा किया गया है कि कोवैक्सिन कोरोना के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर है।

स्पुतनिक V (Sputnik V)

स्पुतनिक V भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है, लेकिन इसमें और कोवीशील्ड में बड़ा फर्क यही है कि कोवीशील्ड को एक वायरस से बनाया गया है, जबकि इसमें दो वायरस हैं और इसके दोनों डोज अलग-अलग होते हैं। स्पुतनिक V को भारत का सबसे प्रभावी वैक्सीन माना गया है। इस पैमाने पर भारत की सबसे इफेक्टिव वैक्सीन है। स्पुतनिक V 91.6 फीसदी प्रभावी है। ऐसे में इसे सबसे अधिक प्रभावीइ वैक्सीन कहा जा सकता है। यह सर्दी, जुकाम और अन्य श्वसन रोग पैदा करने वाले एडेनोवायरस 26 (Ad26) और एडेनोवायरस 5 ( Ad5) पर आधारित है। यह कोरोना वायरस में पाए जाने वाले कटिदार प्रोटीन की नकल करती है, जो शरीर पर सबसे पहले हमला करता है। वैक्सीन शरीर में पहुंचते ही इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है। और शरीर में एंटीबॉडी पैदा हो जाती है।

तीनों वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स

जहां तक इन वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की बात है तो तीनों के साइड इफेक्ट्स एक जैसे ही हैं। इनमें से किसी भी वैक्सीन को लेने के बाद हल्का बुखार, सर्दी-जुकाम, शरीर में दर्द जैसी शिकायत हो सकती है और नहीं भी हो सकती है। वैक्सीन लेने के बाद कम-से-कम दो दिन तक आराम करना जरूरी है। इससे बुखार और सर्दी की संभावना कम हो जाती है। यदि वैक्सीन लेने के बाद इनमें से कोई भी दिक्कत होती है तो डॉक्टर की सलाह लें और उसी के हिसाब से दवा लें।

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